Adsense Auto ads VS Manual
Adsense Auto ads VS Manual : Adsense प्लेटफार्म का उपयोग करके दो तरह से एड्स वेबसाइट में लगा सकते है। एक है Auto Ads फीचर और दूसरा है मैन्युअल मोड। आप दोनों में से किसी एक मेथड से एड्स लगा सकते है या दोनों मेथड्स को एक साथ उपयोग कर सकते है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे की Auto ads और Manual तरीके से लगाए गए एड्स में क्या अंतर है और कौन सा मेथड कब यूज़ करना चाहिए।
Adsense Auto Ads क्या है?
ऑटो एड्स इस नाम से ही सूचित होता है, Adsense का इस फीचर का उपयोग करके आटोमेटिक एड्स अपने वेबसाइट दिखा सकते है। इस मेथड का उपयोग करने के लिए एक छोटासा कोड अपने वेबसाइट के Header/Footer में जोड़ना होगा। कोड जोड़ने के 1-2 घंटे में आपके वेबसाइट पर एड्स दिखना सुरु हो जायेगा। इस मेथड डिसएडवांटेज यह है, की इस मेथड्स अनचाहे जगह पर एड्स दिखने लगते है। जिससे User Experience ख़राब हो सकता है।
इस प्रकार के एड्स को पूरी तरह कण्ट्रोल तो नहीं कर सकते लेकिन Ad Type या Ad Count को कण्ट्रोल कर सकते है। यह सभी कण्ट्रोल करने के ऑप्शन Adsense Dashboard पर उपलब्ध होते है।
आप Adsense Auto Ads को अपनी वेबसाइट में किस तरह ऐड कर सकते है ? -जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

Mannual Ads
मैन्युअल एड्स मतलब, आप किसी एक अड़ कोड को स्वयं वेबसाइट के एक विशिष्ट जगह पर लगाते है। इस मेथड का उपयोग करके आप डेडिकेटेड लोकेशन पर एड्स प्लेस कर सकते है। आप जितने एड्स कोड वेबसाइट में ऐड करेंगे उतने ही एड्स आपके ऑडियंस को दिखने लगेंगे।
अगर आपके पास WordPress वेबसाइट है तो 5 मिनट्स का सेटअप से सम्पूर्ण वेबसाइट में एड्स प्लेस कर सकते है, यह कैसे कर पाएंगे जानने के लिए यहां क्लिक करें।
Addition Reading –
- What is Google Adsense in Hindi?
- Must have WordPress plugins list
- Your Connection is Not Private – Fixed
- Google Adsense Earnings
Adsense Auto ads VS Manually Placed Ads
Auto Ads | Mannually Place Ads |
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1. ऑटो एड्स को पूरी तरह से कण्ट्रोल नहीं कर सकते। | मैन्युअल मेथड से प्लेस किये गए एड्स को पूरी तरह कण्ट्रोल कर सकते है (Ad Size, Ad Format, Location आदि) |
2. इस प्रकार के एड्स से User Experience ख़राब हो सकता है। | इस प्रकार से एड्स प्लेस करने से यूजर एक्सपीरियंस इम्प्रूव होती है। |
3. अपने इनकम को बढ़ा सकते है। |
हो सकता है ऑटो एड्स के मुकाबले कम इनकम हो। |
4. केवल Auto Ads Code को head सेक्शन में प्लेस करने की जरुरत होती है। | बिना CMS वाले वेब्सीटेस में प्रत्येक पेज में ad code पेस्ट करना होगा, जबकि वर्डप्रेस जैसे CMS आधारित वेबसाइट में Themes/Plugins का उपयोग करके एक बार अड़ कोड प्लेस करके मल्टीपल पेजेस पर एड्स दिखा सकते है। |
5. Auto Ads Code को प्रत्येक पेज के </head> हेड क्लोजिंग टैग से पहले इन्सर्ट करना होता है। | यदि आप मैन्युअली अपनी वेबसाइट में एड्स प्लेस करना चाहते है तो <body> और </body> के बिच कहीं पर ऐड कर सकते है। |
5. |
Auto Ads and User Experience
हमने निचे एक फोटो माध्यम से बताया है, की Auto Ads के वजह आपके वेबसाइट का यूजर एक्सपीरियंस कैसे बिगड़ जाता है।
निचे दिए गए फोटो में देख सकते है, एक अड़ हैडर सेक्शन में दिख रहा है, जो अनुचित है। इस अड़ के वजह से ऑडियंस को वेबसाइट का केवल आधा हिस्सा दिखाई देगा। क्योंकि हैडर/मेनू सेक्शन स्टिकी है और इस पर दिखने वाला अड़ भी स्टिकी बन जाता है। जिससे विजिटर को केवल आधे हिस्से में ही वेबसाइट को स्क्रॉल करके पढ़ना पड़ता है।

इस ऑटो अड़ के वजह से यूजर एक्सपीरियंस प्रभावित होगा, हालाँकि उपरोक्त वेबसाइट का Admin ऑटो एड्स फीचर से ज्यादा इनकम कमा रहा होगा।
अगर आप Auto Ads के माध्यम से ज्यादा इनकम बनाना चाहते है तो आपको अपने वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा एड्स दिखाने होंगे। और इसका परिणाम आपके वेबसाइट के Page Speed पर होगा। इससे आपकी वेबसाइट की SEO बिगड़ जाएगी और Traffic भी कम आएगा।